Gurugram News Network- बिल्डर की मनमानी का कहर अब सोसाइटी में रहने वाले रेसिडेंट्स पर पड़ने लगा है। बिल्डर द्वारा नए सब स्टेशन तैयार न करने व डोमेस्टिक कनेक्शन न लेने का खामियाजा अब रेसिडेंट्स की जेब पर पड़ रहा है। बिजली निगम ने सोसाइटी में अब कमर्शियल रेट से बिजली के बिल भेजने शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही बिजली निगम ने उन सोसाइटी में नए टेम्परेरी व परमानेंट कनेक्शन देने पर रोक लगा दी है जिनकी बिजली अब तक टेम्परेरी कनेक्शन पर चल रही है।
रहेजा अर्थवा सोसाइटी निवासी अंजन देवेश्वर ने बताया कि इस बार जो उन्हें बिजली के बिल दिए गए हैं वह कमर्शियल रेट औसतन करीब साढ़े 11 रुपए प्रति यूनिट हैं जबकि पिछली बार तक यह बिल औसतन साढ़े 7 रुपए यूनिट थे। उन्होंने बताया कि जिले में करीब 150 सोसाइटी ऐसी हैं जिनमें बिजली निगम ने अपनी दरों को डोमेस्टिक से बदलकर कमर्शियल कर दिया है। इसका असर 20 हजार से अधिक परिवारों पर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि बिल्डर ने सोसाइटी निर्माण के दौरान बिजली के टेम्परेरी कनेक्शन लिए थे। सोसाइटी पूरी होने के बाद बिल्डर ने इन कनेक्शन को परमानेंट डोमेस्टिक में तब्दील नहीं कराया।
कई सोसाइटी ऐसी हैं जिन्होंने इसी टेम्परेरी कनेक्शन के आधार पर ही DTP से OC प्राप्त कर ली है। पहले भी बिजली निगम ने बिल्डर सोसाइटी में रहने वालों को कमर्शियल रेट के आधार पर बिजली के बिल भेजे थे, लेकिन लोगों के आग्रह पर बिल्डर को समय दिया गया था ताकि वह डोमेस्टिक कनेक्शन के लिए आवेदन करने के साथ ही नियमानुसार बिजली निगम को सब स्टेशन बनाने के लिए जमीन व निर्माण खर्च देगा, लेकिन बिल्डर ने ऐसा कुछ नहीं किया।
उन्होंने बताया कि बिल्डर ने सोसाइटी के फ्लैट बेचते वक्तरेसिडेंट्स से डेढ़ से तीन लाख रुपए वसूल किए थे ताकि सब स्टेशन का निर्माण कराया जा सके, लेकिन आज तक कुछ नहीं किया गया है। इसका खामियाजा आज लोगों को बिजली बिल का दबाव व अत्याधिक कट के रूप में भुगतना पड़ रहा है। NBCC ग्रीन व्यू सोसाइटी निवासी यादवेंद्र यादव ने बताया कि उनकी सोसाइटी में कई बार बिजली का फाल्ट आ जाता है जिसे ठीक करने के लिए बिजली निगम उन्हें कई दिनों तक परेशान करता है।
वहीं, बिजली निगम के अधिकारियों ने बताया कि उन बिल्डरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया है, जिन्होंने टेम्परेरी कनेक्शन पर ही सोसाइटी रेसिडेंट्स को बिजली कनेक्शन दे दिए। नए इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के नाम पररेसिडेंट्स से रुपए तो ले लिए गए, लेकिन यह राशि विभाग में जमा नहीं कराई। कई बिल्डर सोसाइटी में टेम्परेरी व परमानेंट कनेक्शन देने पर रोक लगा दी गई है। उधर, मामले में जिला नगर योजनाकार आर एस बाठ का कहना है कि बिल्डरों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जा रहा है। ऐसे डिफाल्टर बिल्डरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।